साठी बूटी की कहानी (The Story of the Seedling)

साठी बूटी की कहानी (The Story of the Seedling)


एक समय की बात है, एक छोटी सी बूटी ने अपनी ज़िन्दगी की यात्रा शुरू की। वह एक छोटे से बिजली के खम्भे के निचे फिर फिर रही थी। धूप, बारिश, तेज हवाएं – वह सभी चीजों का सामना करती रही, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी।

जब बूटी को पहली बार अपनी बीज से बाहर निकलना था, तो वह डरी हुई थी। उसने अपनी नज़रें खोली, और धीरे-धीरे समय बिताते हुए, उसने अपने आप को बढ़ते हुए देखा। उसने धीरे-धीरे अपने पेड़ को बढ़ावा देते हुए अपने रास्ते को चुना, धैर्य और समर्थता से।

बूटी की यात्रा में कई मुश्किलें आईं, पर वह हार नहीं मानी। वह जब भी जमीन पर गिरती, तो फिर उठती, सीखती, और आगे बढ़ती। धीरे-धीरे, उसकी डालियाँ बढ़ीं, पत्तियाँ निकलीं, और फूल खिले।

एक दिन, उस बूटी ने अंत में अपने उत्कृष्टता की शोभा को प्राप्त किया। वह एक सुंदर पेड़ बन गई, जिसके शाखाएँ ऊपर की ओर फैली हुई थीं। बूटी ने अपने आप को वहाँ पहुँचाने में संघर्ष किया, पर उसने कभी हार नहीं मानी।


इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में हमेशा संघर्ष होता है, पर जो व्यक्ति हार नहीं मानता, वह हमेशा सफल होता है। बूटी ने हमें धैर्य, संघर्षशीलता, और सहनशीलता का उदाहरण प्रदान किया। यह हमें याद रखने के लिए प्रेरित करता है कि हमें कभी भी अपने सपनों और लक्ष्यों की प्राप्ति में बूटी की तरह अटल रहना चाहिए।

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